शीतली प्राणायाम





Baba Ramdev My Guru




















कुछ प्राणायाम ऐसे है जो सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक पहुँचाते हैं। शीतली प्राणायाम से गर्मी के मौसम से निजात पाई जा सकती है। इसके अलावा यह मन की शांति और शारीरिक शीतलता प्रदान करता है। शीतली प्रणायाम छायादार वृक्ष की तरह है जो भरपूर ऑक्सिजन का निर्माण करते हैं।
विधि: सर्व प्रथम रीढ़ को सीधा रखते हुए किसी भी सुखासन में बैठ जाएँ। फिर जीभ को बाहर निकालकर उसे इस प्रकार मोड़े ही वह एक ट्यूब या नली के आकार जैसी बन जाए। फिर इस नली के माध्यम से ही धीरे-धीरे मुँह से साँस लें। हवा नलीनुमा इस ट्यूब से गुजरकर मुँह, तालु और कंठ को ठंडक प्रदान करेगी।
इसके बाद जीभ अंदर करके साँस को धीरे-धीरे नाक के द्वारा बाहर निकालें। इस प्राणायाम का अभ्यास दस बार कर सकते हैं। प्राणायाम का अभ्यास होने के बाद गर्मी के मौसम में इसकी अवधि आवश्यकता अनुसार बढ़ा सकते हैं।
सावधानी: शीतली प्राणायाम के समय साँस लयबद्ध और गहरी होना चाहिए। प्राणायाम के अभ्यास के बाद शवासन में कुछ देर विश्राम करें। जहाँ तक संभव हो सूर्योदय या सूर्यास्त के समय ही यह प्रणायम करें। तेज धूप में यह प्रणायाम करें। धूल भरे वातावरण में भी प्राणायाम नहीं करना चाहिए।







Sheetali Pranayama | शीतली प्राणायाम | Cooling Breath Technique in Hindi


Regards
Tamanna J

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